महिला अपराध में राजस्थान, दिल्ली टॉप पर

महिलाओं-युवतियों के प्रति अपराध में राजस्थान ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश के लिए ये आंकड़े शर्मिंदगी वाले हैं। हाल ही में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार में देश में पहले नंबर पर है।

वहीं, देश के 19 महानगरों में से दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है। वहां पिछले साल अपहरण के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2021 में दहेज हत्या के 136 मामले और बच्चियों से बलात्कार के 833 मामले दर्ज किए गए।

राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश को अपराध का गढ माना जाता है। मगर इन राज्यों मे भी महिला अत्याचारों के मामले राजस्थान से कम हैं। बलात्कार के मामलों में राजस्थान ने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम को भी पीछे छोड़ दिया है। राजस्थान में साल 2021 में बलात्कार के इतने केस दर्ज हुए हैं, जितने तीन बड़े राज्यों में मिलाकर भी दर्ज नहीं हुए।

राजस्थान में साल 2021 में कुल 6,337 बलात्कार के मामले सामने आए, जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले एक हजार ज्यादा हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक बलात्कार के मामले सामने आए हैं। राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में रेप के मामले दर्ज हुए। वहां पर 2020 में 2,339 मामले थे, जबकि 2021 में ये नंबर बढ़कर 2,947 हो गए।

साल 2021 में राजस्थान, एमपी के बाद महाराष्ट्र, यूपी और असम में सबसे अधिक मामले दर्ज हुए। एनसीआरबी के अनुसार यूपी में 2,845 बलात्कार केस रजिस्टर हुए। वहीं, महाराष्ट्र में 2,496 बलात्कार केस रिपोर्ट हुए हैं। असम में 1733, जबकि दिल्ली में 1250 केस दर्ज किए गए।

बलात्कार के मामलों में राजस्थान 2020 से टॉप पर है। यहां दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि राजस्थान पिछले 3 साल से महिला हिंसा के मामलों में पहले पायदान पर रहा है। प्रदेश में पिछले 28 महीनों (2020 से अप्रैल 2022) तक दुष्कर्म के 13,890 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 दुष्कर्म नाबालिग लड़कियों से हुए। वहीं दो साल में 12 साल से छोटी उम्र की 170 बच्चियों से दरिंदगी के मामले सामने आए।

सरकार ने ऐसे मामलों में 2013 में फांसी की सजा का प्रावधान किया। इसके बावजूद इन अतिसंवेदनशील मामलों में पॉक्सो कोर्ट का दबाव बढ़ाया जा रहा है। जयपुर की 7 पॉक्सो कोर्ट में ही 700 से अधिक केस पेंडिंग होने के बावजूद यहां अन्य जगहों से बालिगों के केस ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जयपुर मेट्रो की 2 कोर्ट में ऐसे 62 केस हैं। प्रदेश में इसकी संख्या 100 से ज्यादा है।

राजस्थान महिला अत्याचारों के साथ तस्करी के मामले में भी ज्यादा पीछे नहीं रहा है। यहां के कुछ जिलों से नाबालिगों की तस्करी कर पड़ोसी राज्यों में बेचा जा रहा है। गुजरात से सटे 4 जिलों सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर की बच्चियां तस्कर गैंग का सॉफ्ट टारगेट हैं। यहां के कई गांवों की लड़कियों को अपहरण कर या नौकरी का लालच देकर दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं। कई महीनों तक बंधक बनाकर रखते हैं। जब तक खरीदार नहीं मिलता, दलाल इनके साथ बलात्कार करते हैं।

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